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3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

हरीष भीमाणी जी को जनम दिन की बधाई -देख़े और सुने उन्हें मेरे साथ

आज जानेमाने रेडियो और टीवी प्रसारक, समाचार वाचक, वॉईस ओवर के कलाकार, अदाकार, धारावाहीक लेख़क, निर्माता, निर्देषक और अभिनेता और बी आर टी वी के महाभारत के सुत्रघार 'समय' श्री हरीष भीमाणीजी का जनम दिन है और करीब दो साल पहेले इसी मंच पर मैनें उन पर एक लेख़ प्रकाशित किया था । और तब से इक ख़्वाहीश मनमें बनी थी, और उनसे नेट चेट के समय सैद्धांतीक रूप से सहमती भी पायी थी, कि जब भी हमारा दोनों को आमने सामने रूबरू होने का मोका मिले, एक बातचीत द्रष्यांकित करनी है । और दिसम्बर, 2010 की 20 तारीख़ को भगवानने मेरी सुनाओ ली और हमारी प्रथम सदेह भेट हुई उनके कार्यालय कम स्टूडियोमें साम को । तो आज उनको जनम दिन की और सिर्फ़ लम्बी ही नहीं पर बड़ी जिन्दगी की शुभ: कामनाएँ देते हुए नीचे उनसे की गई बातचीत चार भागोमें प्रस्तूत कर रहा हूँ और इस पोस्ट की पाँचवी विडीयो में आप उनको समय के रूपमें फ़िरसे सुनाओ पायेंगे ।

ख़ंड: 1

ख़ंड: 2


ख़ंड: 3

ख़ंड: 4

समय: यहाँ पहेले देख़ीये और सुनीये दि. 18 फर्वरी, 2012 के दिन श्री हरीष भीमाणीजी के कार्यालय पर उनके साथ हुई मेरी एक और बात चीत जिसमें विषय है " महाभारत -दूर दर्शन के धारावाहीकमें 'समय' की कहानी हरीष भीमाणीजी की जबानी " जिसे दि. 24 फरवरी. 2012 के दिन यहाँ जोड़ा गया है । आज रेडियो श्रीलंका से श्रीमती ज्योति परमारजीने हरीषजी के लिये मेरी बधाई प्रस्तूत की उसकी रेकोर्डिंग यहाँ सुनिये
पियुष महेता ।
सुरत ।

रविवार, 12 फ़रवरी 2012

रेडियो श्रीलंका के भूतपूर्व उद्दघोषक और मेरे मित्र श्री रिपूसूदन कूमार ऐलावादी को देख़ीये और सुनिये उनके जनम दिन पर बधाई के साथ

रेडियोनामा में एक लम्बे समय पहेले प्रस्तूत एक रिपूसूदन कूमारजी की एक मूलाकात आज उनके जनम दिन पर इस ब्लोग पर फ़िरसे प्रस्तूत है । साथमें आज मेरे द्वारा रेडियो श्रीलंका पर भेजे गये बधाई संदेश को श्रीमती नलिनी मालिका परेरा की आवाझमें ।

मेरी मुम्बई यात्रा दौरान दि. २८-०२-२००८ के दिन पारसी जनरल अस्पतालमें स्व. केरसी मिस्त्री से अन्तीम मुलाकात की और दि. २९-०२-२००८ के दिन श्री गोपाल शर्माजी द्वारा परिचयमें आये रेडियो श्री लंका के भूतपूर्व उद्दघोषक श्री रिपूसूदन कूमार ऐलावादीजी से समय ले कर उनके यहाँ दो पहर १२-३० पर पहोँचा तब वे बहोत उष्मा से मेरा स्वागत किया । कुछः इधर उधर की बात कर के मैनें उनसे मेरी उनके साथ हुई बात चीत को अपने केमेरे में कैदै करने की बात कही तो वे सहमत हो गये । उस समय उनके धर पर हम दोनों के सिवा तीसरा कोोई नहीं था । इस लिये मैनें एक बिन कुशल विडीयो ग्राफर और इन्टर्व्यूअर की दो जिम्मेवारी निभाई । इस लिये मोनिटरिंग के कारण मेरे सर का उपला हिस्सा दृष्यांकनमें दिखता नहीं है और शुरूआतमें प्रकाश थोडी़ कम है । एक और बात, कि फोर्मेट परिवर्तनमें भी गुणवत्ता नुकसान थोडा़ होता है ।
तो देखि़ये दो हिस्सोमें
भाग 1

भाग 2



अब नीचे सुनिये रेडियो प्रसारण का वो अंश, जिसमें आज श्री रिपूसूदनजी को रेडियो श्रीलंका की हिन्दी सेवा की उद्दघोषिका श्रीमती नलिनी मालिका परेराने मेरे द्वारा भेजे गये संदेश के साथ बधाई दी जिसमें बादमें दिल्ही के दर्शन सिंह द्वारा भेजा गया संदेश भी प्रसारित हुआ जो यहाँ साथ जोड़ा गया है ।



पियुष महेता
सुरत