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3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।

रविवार, 15 दिसंबर 2013

आज यानि 15 दिसम्बर भारतिय फिल्म संगीत के जानेमाने वादक कलाकार श्री चरणजीत सिंह को जनम दिन की बधाईयाँ

आज भारतीय फिल्म संगीत के जानेमाने वादक कलाकार श्री चरणजीत सिंह जीकी जनम तारीख़ है तो यहाँ उनको बधाई देते हुए और उनकी लम्बी आयू की प्रभू प्रार्थना करते हुए  विविध वाद्यो पर उनकी बजाई कुछ फिल्मी धूने सुनिये ।
कोई लडकी-सिता और गीता (क्ले-वायोलिन)


https://app.box.com/s/q561kjnhley0e9davnco

हवा के साथ साथ-सिता और गीता (इलेक्ट्रीअ बास गिटार)


https://app.box.com/s/kjfsgtcwcx75gz3jwvjz

3. ओ माझी ओ माझी रे-बंधे हाथ-(इलेक्ट्रीक हवाईन गिटार) (इस वाद्यमें उनकी शैली महान वादक कलाकार स्व. हझारा सिंह से काफ़ी मिलती जूलती लगती है  ।


https://app.box.com/s/9mdrjiu31bt9s9cjg8fh

4 यारी है यारी है -दो चोर-(ट्रांसीकोड) (जो उनकी सबसे पहेली रेकोर्डमें इलेक्ट्रीक एकोर्डियन के नाम से उन्होंने बताया था ।


https://app.box.com/s/a6alyjylenfxi36pkz8k

5. कोई हमदम न रहा-झूमरू (सिंथेसाईझर)


https://app.box.com/s/lpb07vz52hnjofncdmfp
इस ए अलावा उनके अन्य रिमार्केबल रेकोर्ड्झ वन मेन शॉ ओन ट्रंसिकोड विथ इलेक्ट्रोनिक रिधम बोक्ष और लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल, फिल्म सिलसिला के सभी गानो सिंथेसाईझर (निला आसमा का एक वर्झन तथा जो तूम तोडो पिया हवाईयन ग़िटार के टोनमें है), और किशोर कूमार ट्रिब्यूट (एक गाना झूमरू का यहाँ है) तथा रागाझ ओन सिन्थेसाईझर है ।

रविवार, 11 अगस्त 2013


भारतीय फिल्म संगीत के प्रथम सिन्थेसाईझर (म्यूझीगन) वादक श्री बिपीन रेशमियाजी के जनम दिन पर यानि 11 अगस्त पर उनको जनम दिन की हार्दिक शुभ: कामनां

आज भारतीय फिल्म संगीत के प्रथम सिन्थेसाईझर (म्यूझीगन) वादक श्री बिपीन रेशमियाजी के जनम दिन पर यानि 11 अगस्त पर उनको जनम दिन की हार्दिक शुभ: कामनां प्रदान करते हुए इस अवसर पर उनकी बजाई फिल्म मेरा नाम जोकर के गीत ए भाई जरा देख़ के चलो की इसी साझ पर वन मेन शॉ के रूपमें प्रस्तूत धू यहाँ प्रस्तूत है ।


 उन्होंने फिल्म मिलन, एन इवनिंग इन पेरिस जैसी कई फिल्मोमें महत्व पूर्ण योगदान अपने इस साझ से प्रदान किया है । (यह जनम तारीख़ अन्य साईट्स पर 5 मई बताई गई है पर मैनें इन से खू:द से जानकारी पा कर यह पोस्ट लिख़ी है ।) फिल्म फर्ज के गीत मस्त बहारो का में आशिक में कू कू उनके सिन्थेसाईझर की कमाल है ।

पियुष महेता ।
सुरत-395001.

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

भारतीय फ़िल्म संगीत के महान मेन्डोलिन वादक स्व. महेन्द्र भावसार जी को आज उनकी पहेली पूण्यतिथी पर विनम्र श्रद्धांजलि

आज भारतीय फिल्म संगीत के महान मेन्डोलिन वादक में से एक स्व. श्री महेन्द्र भावसार जी को उनकी प्रथम पूण्य-तिथी पर श्रद्धांजलि स्वरूप एक फिल्मी धून उनके द्वारा मेनोडोलिन पर जबाई हुई फिल्म तीसरी कसम के गीत आ आभी जा की सुनिये जो कुछ साल पहेले मेरी बिनती पर रेडियो सिलोन से वाद्य संगीत कार्यक्रम अन्तर्गत उद्दघोषिका श्रीमती नलिनी मालिका परेरा जी ने प्रस्तूत की थी ।

पियुष महेता ।
(सुरत-395001)

शनिवार, 13 जुलाई 2013

स्व. मनोहरी सिंह की आज 13 जुलाई के दिन पूण्यतिथी पर श्रद्धांजलि

आदरणीय पाठकगण,

यह पोस्ट उंके देहांत पर रेडियोनामा पर मैनें लिख़ी थी । जो यहाँ उनके लिये फिरसे प्रस्तूत की है ।

पिछले दि. 8 मार्च, 2010 के दिन जानेमाने अल्टो सेक्सोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक और एक जमाने में मेन्डोलीन और क्लेरिनेट वादक भी रह चूके (याद किजीये श्री युनूसजी द्वारा विविध भारती की केन्द्रीय सेवा के राष्ट्रीय प्रसारण में प्रस्तुत साक्षात्कार-आज के मेहमान अन्तर्गत ) श्री मनोहरी सिंहजी की जन्म तारीख पर उनको बधाई देती हुई पोस्ट प्रकाशीत की थी । उस समय मैंनें श्यामराज जी से उनका मोबाईल नं पा कर उनको बधाई भी दी थी । उस समय भी उनके नादूरस्त स्वास्थ्य का पता तो था पर इनको श्रद्धांजलि प्रस्तूत करने का अवसर इतनी ज़ल्दी आयेगा वह माननेको जी नहीं चाहता । तो इस अवसर पर रेडियोनामा की और से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 'नाज' फिल्म के गीत आंखो में दिल है....तूम कहाँ हो तूम कहाँ (संगीत -स्व. अनिल विश्वास)'ए बजाई हुई धुन को फ़िर एक बार इस मंच पर प्रस्तूत किया है । यह धून कुछ साल पहेले नेट से प्राप्त हुई थी, जो लिन्क आज मूझे याद नहीं है और यह 78 RPM मोनो रेकोर्ड था, जिसका जिक्र भी युनूसजी के साथ उसी रेडियो मुलाकातमें मनोहरीदा ने किया ही था । 




पियुष महेता ।
(सुरत)
13 जूलाई-2010

गुरुवार, 23 मई 2013

रेडियोनामा के जन्मदाता और ब्लोगींग की दूनियामें मेरे पिता श्री सागर नहार से रूबरू


रेडियोनामा के जन्मदाता और ब्लोगींग की दूनियामें मेरे पिता श्री सागर नहार से रूबरू (30 नवम्वर, 2009 के दिन)

आदरणिय पाठक गण,
(कल वे मेरे घर फ़िर से आये तो फेसबूक के रेडियो विश्व गृप के सदस्यों के उनके साथ मेरी तसवीर दिख़ाने के अनुरोध पर यहाँ वो पूरानी पोस्ट को फ़िर से जारि किया है ।)
रेडियोनामा के हमारे युनूसजी के रेडियोवाणी द्वारा परिचीत और ब्लोगींग की दुनियामें मेरे 'पिता' (यह प्रयोग एक रूपसे जानेमाने रेडियो प्रसारक श्री मनोहर महाजनजी की 'नकल' है, जिन्होंनें श्री हरमंदिरजी 'हमराझ'के हिन्दी फिल्मी गीतकोष के के वोल्यूमके रिलीझ कार्यक्रममें श्री गोपाल शर्माजी के लिये 'दादा', उनके पहेले आये पर गोपल शर्माजी के बाद रेडियो सिलोन गये स्व. शिवकूमार 'सरोज' के लिये 'पिता' और उनके बाद रेडियो श्रीलंका गये श्री रिपूसूदन कूमार ऐलावादीजी के लिये 'पुत्र' के रूपमें रेडियो प्रसारण की दुनिया के सम्बन्धमें परिचय दिया था, जो रेकोर्डिंग मूझे मेरे सुरत निवासी मित्र श्री हरीशभाई रघुवंशीजी के यहाँ देख़नेको काफ़ी समय पहेले देख़नेको मिली थी ।) श्री सागरभाई नहार जो एक लम्बी अवधी के ब्लोग और चेट परिचय के बाद आज मेरे घर आये थे , तो मैंनें सोचा की उनके शौख़ या उनके विचार सब तो ब्लोग पठको के लिये जाने पहचाने है । मैं सुरज को रोशनी क्या दिख़ाऊँ ! पर आप सबने उनके ब्लोगमें या रेडियोनामा पर युनूसजी की पोस्टमें उनको तसवीरमें सिर्फ़ देख़ा है , तो उनको बोलते हुए भी सुनाऊँ , जो सुन्दर भाषा बोलते है सुन्दर आवाझमें । तो सिर्फ़ थोडी सेकंड्स की छोटी अनौपचारिक बातचीत यहाँ प्रस्तूत की है । 



पियुष महेता ।
सुरत-395001.

शुक्रवार, 10 मई 2013

10 मई, विन्ड इन्स्त्रूमेन्ट्स के वादक कलाकार सुरेश यादवजी को मेरे उनसे साक्षात्कार के साथ जनम दिन की बधाई


आज भारतीय फिल्म-संगीत उध्योग के जानेमाने सब तरह के सेक्षोफोन, क्लेरीनेट और वेस्टर्न फ्ल्यूट के वादक कलाकार श्री सुरेष यादवजी की जनम तारीख़ पर उनको बधाई देते हुए यहाँ सबसे पहेले देख़ीये उनकी सुरत शहरके एक स्टेज शॉ के लिये हुई मुलाकात के दौरान उनके ठहराव पर की गई छोटी सी मुलाकात :



आदरणिय पाठक गण, आज यानि दि. 10 मई को भारतीय फिल्म संगीत में अल्टो सेक्षोफोन, सुप्रानो सेक्षोफोन, सुप्रानिनो सेक्षोफोन, क्लेरीनेट और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादन द्वारा सालों से कई संगीत कारों के साथ तथा एक वाद्यवृंद एरेन्जर के रूपमें विषेष प्रदान करने वाले श्री सुरेष यादव की जनम तारीख़ है । तो इस अवसर पर रेडियोविश्व की और से उनको शुभ: कामनाएँ प्रदान करता हूँ । 



और अब देख़ीये भी और सुनिये भी, नीचे गुजरात के बिल्लीमोरा शहरमें दि. 20 फरवरी, 2010 के दिन उनका सजीव शॉ प्रसिद्ध एकोर्डियन वादक श्री सुमीत मित्रा के साथ किया था, उसमें से कुछ आईटम्स या उसके कुछ अंश प्रस्तूत किये है । उम्मीद है कि आप उनका मझा लेंगे । 
बन के पंछी-(फिल्म : अनारी) क्लेरीनेट पर


एक दो तीन-(फिल्म : तेजाब)-सुप्रानिनो सेक्षोफोन पर् (जो मूल फिल्ममें भी इन्होंने ही बजाया है ।)


एक प्यार का नग्मा है – (फिल्म: शोर) अल्टो सेक्षोफोन पर


माय हार्ट इझ बिटींग (फिल्म ज्यूली) वेस्टर्न फ्ल्यूट (जो मूल फिल्म में उन्होंने ही बजाया है )


चोली के पीछे क्या है –(खल नायक) सुप्रानिनो सेक्षोफोन पर (जो मूल फिल्ममें उन्होंनें ही बजाया है )


तो एक बार फ़िर सुरेष यादवजीको जनम दिन की शुभ: कामनाएँ और वे सो साल तक़ इसी तरह बजाते रहे वैसी शुभ: कामना ।
पियुष महेता
सुरत-395001.

रविवार, 28 अप्रैल 2013

दि. 28 अप्रैल-आवाझ की दुनिया का एक जबरज़्स्त नाम-श्री ब्रिज भूषणजी को आज उनके जनम दिन पर शुभ: कामनां उंके साथ दृष्य साक्षात्कार के साथ

आज यानि दि.अ 28 अप्रैल के दिन आवाझ की दुनिया के सरताझ वैसे अमीन सायानी साहब के सबसे अच्छे विज्ञापन प्रसारण के साथी रहे, वैसे श्री ब्रिज भूषण जी को जनम दिन की शुभ: कामनां के साथ आप की सेवामें प्रस्तूत है, उनके साथ शायद सबसे पहेला दृष्य लधू वार्तालाप यानि आज तक़ वे केमेरे के सामने कम से कम मूझे तो दिख़ाई नहीं दिये थे, पर मैं अपनी करीब 12 साल की उम्र से उनकी आवाझ के जादू से परिचीत रहा हूँ । 
तो उनके मिलने और देख़ने के लिये कितने सालों सेअ मन तड़प रहा था । पर उनकी व्यस्तता और मेरे मुम्बई में उनके घर या कार्यलय से लम्बे अंतर पर रहे कम दोनों के ठहराव के कारण सैध्धांतिक रूप से मिलना तय होने पर भी नहीं हो सका था, पर इश्वर या कुदरतने और ब्रिजजीने यह मुमकीन कर ही दिया तो जो थोड़ी सी याद उनकी अपने निजी संग्रह के लिये अपने द्वारा ही विडीयोग्राफ़ी करके लाया था (जिसमें लाईट सेटींग या ध्वनि रेकोर्डीग भी अपनी तरह की शमिल है) , उसे आप के साथ बांटना चाहता हूँ । वे सिर्फ़ उद्दघोषक ही नहीं पर फिल्म संगीतकार, डबिंग कलाकार (उपहार-स्वरूप दत्त और सरस्वती चन्द्र-मनिष कूमार) तथा मन मेरा तन तेरा (कोलेज आचार्य बने पात्र के लिये) तथा गायक (पूरब और पश्चिम), तथा हाल वोईस ओवर कलाकार 
तो नीचे (पहेली वार) देख़े और एक और बार सुने (मेरे साथ पहेली बार ही) ब्रिज भूषण जी को :  


पियुष महेता (सुरत)

मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

आज 16 अप्रैल के दिन भारतिय फिल्म संगीत के एक महान वादक कलाकार और वाद्यवृंद संयोजक श्री एनोक डेनियेल्स को जनम दिन की शुभ:कामनाँ के साथ देख़ें और सुने उनसे सजीव साक्षात्कार

आज भारतीय सिने संगीत के महान वादक कलाकारों और वाद्यवृंद संयोजक और संचालक तथा कुछ रूप से संगीतकार भी वैसे पूना के  श्री एनोक डेनियेल्स साहब का जनम दिन है और अपनी आयु के 80 साल बिता कर 81 वे सालमें प्रवेष कर चूके है, और भगवान की दया से आज भी वे काफ़ी तंदूरस्त है और संगीत की पूजा कर रहे है । तो इस अवसर पर यहाँ उनको जनम दिन की बधाई प्रस्तूत करते हुए, उनके दो इन्टर्व्यू विडीयो और उनके दोनों के थोड़े से सम्पादीत श्राव्य रूप वाले इन्ट्रर्व्यू रख़े है, जिसमें पहेला पूनाकी मेरी अब तक़ की एक मात्र यात्रा के दौरान 22 दिसम्बर, 2012 ए दिन मेरे पूना निवासी मित्र श्री गिरीष मानकेश्वर के पूरे 10 घंटे के साथ सहकार के कारण हुआ था और जो उन्होंने ही शूट करके मूझे सीडी के रूपमें भेज़ा था जिसके लिये उनका तथा श्री डेनियेल्स साबह और उनके परिवार का भी आभारी हूँ । यहाँ मैं स्पस्ट करना चाहता हूँ, कि पूना वाले इन्टर्व्यू के दौरान हम लोग के कई रेडियो सिलोन प्रेमी मित्र वहाँ मूझे और डेनियेल्स साहब से मिलने आये थे जिनके नाम आउअ उन विडियोमें मेरे द्वारा सुन पायेंगे ही पर अफ़सोस है, कि उन दौरान गिरीष जी बोलने के पात्र होते हुए भी अपने आपको आवाझी और दृष्य दोनों रूप से केमेरे के सामने आये ही नहीं और निश्वार्थ रूपसे मददगार ही रहे, और थोड़ा सा सामूहीक बातचीत का स्वरूप होने के कारण जो बात उस दिन मेरे दिमागमें होते हुए भी निकल गयी थी, वह मैनें अन्य एक नेट पर स्काईप विडीयो कोलिंग द्वारा रेकोर्ड की थी जिसमें भी तक़निकी क्षती आने के कारण मेरे सुरत के मित्र जयेश पटेलने उसको हो सके इतना संवारने की एक मित्र भावसे ही कोशीश की और मूझे खूषी है, कि थोड़ी सी होठो की और आवझ की मिलावट मेरे बोलनेमें कहीं आपको कहीं कहीं ही सही, नहीं मिलेगी पर आपको हम दोनों के विचार जानने के लिये कोई दिक्कत नहीं आयेगी  ।
तोयह है पहेला पूना वाला इन्टर्व्यू (जिसमें उंन्होंने पियानो भी बजाया है)  : 



अब उपर वाले विडीयोमें  शामिल श्री एनोक डेनियेल्स साहब की बजाई पियानो (इलेक्ट्रोनिक) पर फ़िल्मी धूने सुनिये जो उन्हों ने मेरे सुचन करने पर बजाई थी ।

अब इस विडीयो का थोड़ा सा ही सम्पादित ओडियो सुने :

और यह है दूसरा विडीयो जिसमें उनके इंस्ट्रूमेन्टल रेकोर्ड्झ के नये प्रयोग और फिल्म झनक झनक पायल बाजे के स्टिरीयो कन्वर्झन  के बारेमें बातें की है ।

और नीचे अब उसका ऑडियो सुनिये :

और यहाँ आज रेडियो श्रीलंका से पद्दमिनी परेराजी ने उनको मेरे सहीत कुछ श्रोताओं और अपनी तरफ़ से प्रस्तूत की हुई बधाई  के साथ कुछ धूनों का गुल्दस्ता यहाँ प्रस्तूत है, जो रेडियो सिलोन ग्लोबल लिस्नर्स गृप के दिल्ही के हाल सिम्ला स्थित श्री अश्वनीकूमारजी के सौजन्य से है ।


पियुष महेता ।
सुरत-395001.
(सम्पर्क: 0261-2462789-09429859536 और 09898076606)







शुक्रवार, 8 मार्च 2013

आज 8 मार्च-प्रसिद्ध गिटार और वायोलिन वादक वान शिप्ले को श्रद्धांजलि

आज यानि दि. 8 मार्च के दिन अपनी शैली के मशहुर विद्यूत हवाईन गिटार और वायोलिन वादक स्व. वान शिप्ले की पूण्यतिथी पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए एक थोडा अलग रूप से उनकी एक ही गाने 'आईये मेहरबान (फिल्म : हवराह ब्रिज) की दो धूने, जो दोनों इलेक्ट्रीक हवाईन ग़िटार पर ही प्रस्तूत है, पर इन दोनोंमें सप्तक कहीं कहीं अलग है और वाद्यवंद भी अलग है । 

पहली धून जब यह फिल्म कुछ साल पहेले एलपी रेकोर्डमें उन्होंनें बजाई थी जिसमें स्टीरीयो असर है और वाद्यवृंद में विजाणू वाद्य सिंथेसाईझर शामिल है । यह धून विविध भारती के राष्ट्रीय प्रसारणमें कभी प्रस्तूत हुई है और रेडियो श्री लंका से भी बजती है ।



जब की दूसरी धून भी सुनिये, जो उस समय 78 आर पी एम रेकोर्डमें उस जमानेमें बजाई थी, जब की फिल्म हावरा ब्रिज नयी और ताझा थी तो स्वाभावीक है कि यह धून मोनो रेकोर्डिंग में है और उसमें वाद्यवृंद मे6 सिर्फ दो या तीन साज़िंदे थे । यह धून सिर्फ़ रेडियो श्री लंका से ही बजती है ।

तो आशा करता हूँ, कि यह दोनों धूने आपको पसंद आयेगी । 
इन दिब्नों इन वादक कलाकारों की जन्म तारीख या मृत्यू तारीख लगातार आने के कारण मेरी पोस्टॅ करीब रोज़ाना प्रस्तूत हो रही है और आनेवाले कल भी एक पोस्ट लिख़ी जायेगी । उसके बाद मार्च महिनेमें 24 तारीख़ को एक श्रदांजलि पोस्ट प्रस्तूत होगी । कुछ पाठको को भी यह पसंद आती है तो आनंद होता है ।
आज यानि 8 मार्च, 2013 को अगर रेडियो सिलोन अपने कार्यक्रम अन्तर्गत श्रद्धांजलि प्रस्तूत करता है, और अलभ धून सुनाता है तो इस पोस्टमॆं शामिल किया जायेगा ।
पियुष महेता ।
नानपूरा, सुरत-395001.

मंगलवार, 5 मार्च 2013


पियानो और सोलोवोक्ष वादक श्री केरशी मिस्त्री को पूण्य-तिथी पर श्रद्धांजली

आज यानि दि. 5 मार्च के दिन एच एम वी (इन्डिया)के जानेमाने पियानो वादक, सोलोवोक्ष वादक और वाद्यवृंद संयोजक-निर्देषक तथा अपने मंच-कार्यक्रमोमें एकोर्डियन तथा हार्मोनियम पर पेश हुए स्व. केरशी मिस्त्रीजी की पूण्यतिथी पर उनको रेडियोनामा की और से श्रद्धांजली ।
दि. 5 मार्च के दिन मैंनें नीचे लिख़ा था ।
(मूझे खेद है कि आज ई-स्नीप की अडोडाई के कारण उनकी कोई धून और आज रेडियो श्रीलंकासे मेरी भेजी हुई जानकारी के अनुसार उद्दघोषिका श्रीमती ज्योति परमारजीने उनको श्रद्धांजली के रूपमें एक रेर धून (यहाँ रेर गाना मतलब नहीं है ।)सोलोवोक्ष और उनके दोस्त मशहूर एकोर्डियन वादक स्व. गुडी सिरवाई का इलेक्ट्रीक एकोर्डियन पर (यहाँ इलेक्ट्रीक माने एलेक्ट्रोनिक नहीं, श्री चरणजीत सिंह की सबसे पहेली EP रेकोर्डमें ट्रांसीकोर्ड को इलेक्ट्रीक एकोर्डियन कहा गया था । ) फिल्म दो आँखें बाराह हाथ के गीत ए मालिक तेरे बंदे हम प्रस्तूत हुई थी, मेरे नाम के साथ ।विविध भारती को ऐसी बात कहना बेकार साबित होता है । धून तक़निकी सुविधा अनुसार फ़िर कभी प्रस्तूत होगी ।)
पर दि. 8 मार्च, 2009 को श्री सागर भाईने इस प्लेयर की लिन्क भेजी जिससे SLBC के उसी प्रसारण को (शोर्ट वेव रिसेप्सन होने के कारण दिस्टोर्सन के साथ पर फिर भी घ्यान से सुनने पर सुनाई पदनेवाला) नीचे प्रस्तूत करता हूँ ।

एक अन्य धून स्व. केरशी मिस्त्री की पियानो पर फिल्म महेबुबा से नीचे सुनिये ।
यह पोस्ट अन्यत्र दो साल पहेले प्रकाशित हुई थी । आज रेडियो सिलोन से दि. 5 मर्च, 2013 को ज्योतिजीने मेरे संदेश के आधार पर फिल्म नया  दोर के गीत मैं बम्बई का बाबू उनके वाद्यवृंद पर प्रस्तूत की जब की मैनें उनकी सोलोवोक्ष और उनके मित्र गुडी सिरवाई की एकोर्डियन पर जूगलबंदी वाली धून फिल्म जोहर इन कश्मीर के गीत बन गई दिवार  मांगी थी । और ज्योतिजीने अर्थघटन वैसे किया जैसे मैं कहना चाहता हूँ कि इस मूल  गीत में केरशी मिस्त्री साहब का योगदान था, पर अगर हो तब भी मूझे पता नहीं है ।

पियुष महेता
सुरत ।

सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

मिलन गुप्ताजी (भारतिय फिल्म संगीत के महान हार्मोनिका (माऊथ ओरगन) वादक को उनकी पूण्य तिथी पर श्रद्धांजलि

आज महान माऊथ ओरगन वादक स्व. मिलन गुप्ताजी को हार्मोनिका क्लब के संचालक श्री नचिकेता देसाईजी का उनके ब्लोग पर लिखा लेख़ पढिये नीचे दी हुई लिन्क पर अंग्रेजीमें ।
The Harmonica Club: A tribute to Milon Gupta: Indian Mouth Organ Maestro

आज रेडियो सिलोन पर 15 दिन पहेले मेरे श्री पद्दमिनी परेराजी को भेजे हुए मोबाईल मेईल के आधार पर मेरी पसंद की एक अलभ्य धून पद्दमिनीजी ने प्रस्तूत की, जो उनके शायद 78 आर पी एम, रेकोर्ड से फिल्म एप्रिल फूल के गीत मेरा नाम रिटा क्रिस्टीना गीत की है और सालों बाद बजी । उस के लिये पद्दमिनीजी को धन्यवाद ।
तो सुनिये ये प्रसारण :


पियुष महेता ।
सुरत395001.

बुधवार, 16 जनवरी 2013

भारत के सर्वप्रथम महान एकोर्डियन वादक स्व. गुडी सिरवाई को श्रद्धांजलि : आज रेडियो सिलोन से इसी उपलक्षमॆं प्रसारित उनकी बजाई धून ज्योति परमारजी के निवेदन के साथ

आज भारत के सर्वप्रथम एकोर्डियन वादक स्व. गुडी सिरवाई की पूण्य तिथी पर मेरी दी हुई जानकारी के आधार पर रेडियो सिलोन से मेरी चाही हुई धून तदबीर बीर से बिग़डी हुई तक़दीर बना दे उनके एकोर्डियन पर प्रस्तूत की जो यहाँ हमारे पूना के जवान मित्र श्री गिरीष मानकेश्वरजी के द्वारा प्राप्त होने पर (मेरे यहाँ नेट बंध था-इसलिये और रेडियो गुणवत्ता वीक रही थी इस लिये) यहाँ प्रस्तूत है । इसमें उज्जैन के मेरे भी बुज़ूर्ग मित्र श्री जगदीश श्रीवास्तवजी का आग्रह, तथा मृत्यू तारीख़ की जानकारी और तसवीर देने पर ज़्योति परमारजी के आज सहकार-पूर्ण रहे रवैये के कारण हो सका है । तो गुडी सिरवाईजी के बारेमें जगदीशजी के शब्दोमें ही यहाँ पढीये ।
"पियूष जी नमस्कार 
मै आपको गूडी सरवाई का फोटो भेज रहा हूँ .Goody Servai का जन्म  सन 1913 में हुआ था और देहांत १६ जनवरी
१९७८मे हुआ .उनकी फिल्म इन्दुस्ट्री में शुरुआत १९५१ में सी. रामचंद्र द्वारा संगीत   निर्देशित फिल्म समाधी 
से हुई .यह फिल्म्स सोंग में accordion क़ी शुरआत थी .इसके बाद नौशाद ने फिल्म जादू में  accordion का प्रयोग songs    
और background म्यूजिक दोनों में किया .इसतरह  फिल्म्स संगीत में शंकर जयकिशन, सचिनदेव बर्मन,मदनमोहन ओ पी नैयेर ईत्तियादी अनेक म्यूजिक directors ने goody servai के accordion का जमकर उपयोग  किया. .उनके बजाए गए कुछ  famous गीत ये हैं :-  लो पियर क़ी होगई जीत (जादू) आजा सनम मधुर चांदनी में हम (चोरी चोरी ) सबकुछ सिखा हमने , वो चाँद खिला तारे हँसे, (अनाड़ी )गुड द्वारा बजाया  आवारा हूँ गीत अबतक सारी दुनिया जानती है .इस फिल्म में गूडी को इक बेबफा से प्यार किया गीत में दिखाया भी गया है .राजकपूर को भी  accordion अत्यंत प्रिए था.
मेरी यह तीव्र इक्छा है क़ी लोग उन्हें और उनकी कला को जाने .हो  ये जानकारी आपके लिए नयी नही है .आपके अपार संगीत प्रेम का मै बहुत आदर करता हूँ .you  tube में आपके द्वारा गूडी के गीत देखकर और सुनकर मुझे अपार आनंद होगा और मै अक्का बहुत आभारी रहूँगा शुभ कामनाओं सहित आपका -जगदीश श्रीवास्तव उज्जैन मध्य प्रदेश " 

अब यहाँ धून उनकी तसवीर के साथ सुनिये :
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अब यहाँ धून सुनिये :


पियुष महेता ।
सुरत ।