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3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।

शनिवार, 13 जुलाई 2013

स्व. मनोहरी सिंह की आज 13 जुलाई के दिन पूण्यतिथी पर श्रद्धांजलि

आदरणीय पाठकगण,

यह पोस्ट उंके देहांत पर रेडियोनामा पर मैनें लिख़ी थी । जो यहाँ उनके लिये फिरसे प्रस्तूत की है ।

पिछले दि. 8 मार्च, 2010 के दिन जानेमाने अल्टो सेक्सोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक और एक जमाने में मेन्डोलीन और क्लेरिनेट वादक भी रह चूके (याद किजीये श्री युनूसजी द्वारा विविध भारती की केन्द्रीय सेवा के राष्ट्रीय प्रसारण में प्रस्तुत साक्षात्कार-आज के मेहमान अन्तर्गत ) श्री मनोहरी सिंहजी की जन्म तारीख पर उनको बधाई देती हुई पोस्ट प्रकाशीत की थी । उस समय मैंनें श्यामराज जी से उनका मोबाईल नं पा कर उनको बधाई भी दी थी । उस समय भी उनके नादूरस्त स्वास्थ्य का पता तो था पर इनको श्रद्धांजलि प्रस्तूत करने का अवसर इतनी ज़ल्दी आयेगा वह माननेको जी नहीं चाहता । तो इस अवसर पर रेडियोनामा की और से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 'नाज' फिल्म के गीत आंखो में दिल है....तूम कहाँ हो तूम कहाँ (संगीत -स्व. अनिल विश्वास)'ए बजाई हुई धुन को फ़िर एक बार इस मंच पर प्रस्तूत किया है । यह धून कुछ साल पहेले नेट से प्राप्त हुई थी, जो लिन्क आज मूझे याद नहीं है और यह 78 RPM मोनो रेकोर्ड था, जिसका जिक्र भी युनूसजी के साथ उसी रेडियो मुलाकातमें मनोहरीदा ने किया ही था । 




पियुष महेता ।
(सुरत)
13 जूलाई-2010