मेरे बारे में

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3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।

बुधवार, 28 दिसंबर 2011

वरीष्ठ उद्दघोषक श्री गोपल शमाजी को जनम दिन की बधाई और उनसे मेरी भेट का दृष्यांकन

इस रेकोर्डींग को देख़ते सुनते किसी और के बताये बिना ही मेरे ध्यानमें मेरी एक गलती आयी है कि मैनें श्री गोपाल शर्माजी की अत्मकथा के लिये गलती से ओटोबायोग्राफ़ी की जगह बायोग्राफ़ी शब्द इस्तेमाल किया है । पर भले शर्माजीने मूझे उस समय सुधारना ठीक़ नहीं समझा होगा । वैसे उनकी भाषा पर काबू का कोई जवाब नहीं है । और तीसरी बात इस रेकोर्डिंगमें केमेरा मेन यानि विडीयोग्राफर , लाईट मेन , सेट मास्तर और इन्टरव्यूअर और बाद्में सम्पादक की पाँचो भूमीकाएँ मूझसे जैसे बनाया पडा, निभाई है । तो मूल रेकोर्डिं सही होने पर भी सम्पादन के दौरान कहीं विडीयो की गुणवत्ता नीचले हिस्सेमें कहीं कहीं थोड़ी सी ठीक नहीं आयी है । तो इसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ । और इस निर्धारीत समय मर्यादामें काम निपटाने के लिये थकान तो होनी ही थी ।
आज यानि दि. 28-दिसम्बर के दिन रेडियो प्रसारण के एक महत्व पूर्ण पायोनियर श्री गोपाल शर्माजी की जनम तारीख़ है, तो
इस अवसर पर उनको जनम दिन की रेडियोनामा की और से शुभ: कामनाएँ देते हुए मेरी हाल ही की मुम्बई यात्रा के दौरान दि. 19 के दिन उनके बुलावे पर उनक्रे धर की गई उनके केरियर के बारेमें वातचीत को आप सुन ही नहीं पर देख़ भी पायेंगे, जो अवसर आज से तीन साल पहेले वहाँ की लोकल ट्रेईन्स की गरबडीयों के कारण खो दिया था । जो चार भागोमें बाँटना पडा है । शायद दूसरा भाग आप देख़ नहीं पाये तो इसका ऑडियो भी रख़ा जायेगा । यहाँ एक और बात बता दूँ, कि दि. 21 दिसम्बर के दिन श्री अमीन सायानी साहब को सुरत में गैरहाज़री के कारण उनको इस मंच से बधाई नहीं दे पाया पर उनको उसी दिन उनके कार्यालय जा कर बधाई देनेका सुनहरी मोका मिला ।(यह पोस्ट को आज यानि 28 दिसम्बर, 2013 के दिन सधार कर जो अलग अलग पार्ट्स में विडीयो रख़े थे इन के बदले लम्बे विडीयो की सुविधा मिलने पर एक ही विडीयो को लगा कर पुराने विडीयोको हटाया गया है ।)


पियुष महेता ।
सुरत ।

बुधवार, 21 दिसंबर 2011

जूग जूग जियो श्री अमीन सायानी साहब, जनम दिन की शुभ:कामना । एक तीन साल पूरानी दृष्य मुलाकात ।

आज रेडियो प्रसारण के बेताज बादशाह, श्री अमीन सायानी साहब, अपनी आयु के 79 साल पूरे कर के 80वे सालमें प्रेवेषे है. तो इस अवसर पर तीन साल पहेले उन के दफ़तर में उनके निमंत्रण पर उनके साथ शाकाहारी भोजन लेने के बाद की गई भेट वार्ता यहाँ श्री युनूसजी और रेडियोनामा के सौजन्य से एक बार फ़िर से प्रस्तूत है ।

सूरत निवासी पियूष मेहता रेडियोनामा के प्रेमी हैं । वे अकसर मुंबई आकर प्रसारण की दुनिया की जानी-मानी हस्तियों से मिलते हैं और उनसे बातें करते हैं । पियूष मेहता ने हाल ही में चोटी के ब्रॉडकास्‍टर अमीन सायानी से मुलाक़ात की है । आईये पियूष मेहता से उस मुलाक़ात का ब्‍यौरा जानें । पियूष भाई के आलेख को हमने संशोधित एवं परिवर्तित करके प्रकाशित किया है----यूनुस ।।



इस बार भी हमेशा की तरह मुंबई आने से पहले ही मैंने अमीन सायानी साहब से फोन पर सम्पर्क करके उनसे मिलने का समय तय करवाया लिया था । पर इस बार उन्‍होंने छब्‍बीस फरवरी को दोपहर साढ़े बारह बजे बुलवा लिया । और ये इसरार किया कि मैं दोपहर का भोजन उनके साथ करूं । और ये तस्‍दीक भी कर दी कि खाना शाकाहारी ही रहेगा । यानी मेरे मन का संशय भी अमीन साहब भी जान गये थे ।



अमीन साहब समय के पाबंद हैं । इसलिए मैंने इस बात का ख़ास ख्‍याल रखा था कि कहीं मुझे देरी ना हो जाए । मुझे इस बात की ज्‍यादा चिंता थी कि कहीं मेरे देर से पहुंचने के कारण अमीन साहब को अपने कामकाम में परेशानी ना हो । अमीन साहब के सहायक दिनेश भाई मुझे पहले से जानते हैं । कई बार अमीन साहब से मिलने जो आ चुका हूं मैं । बहरहाल....आधे घंटे पहले पहुंचने के बावजूद दिनेश जी को कोई दिक्‍कत नहीं हुई और उन्‍होंने बड़े आदर और खुशी से मेरा स्‍वागत किया ।



अब मैं अमीन साहब के कमरे में था । जाने माने ब्रॉडकास्‍टर अमीन सायानी को अपना काम करते हुए देख रहा था । बीच बीच में वो बातें भी कर रहे थे मुझसे । उनके बेटे राजिल को भी हमारे साथ ही भोजन करना था । लेकिन उनका फोन आ गया कि उन्‍हें देर हो सकती है । इसलिए तकरीबन एक बजे मैं और अमीन साहब रीगल टॉकीज़ के पास स्थित अपोलो होटेल में आ पहुंचे । अमीन साहब की सिन्‍सीयेरिटी देखिए कि कुक को बुलाकर उन्‍होंने कम मिर्च और कम तेल में अलग से भोजन तैयार करने के निर्देश भी दिये ।



मैंने झिझकते हुए कहा कि मैं उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग करना चाहता हूं, जिसके लिये अमीन साहब सहर्ष तैयार हो गये । लेकिन उन्‍होंने कहा कि उनके स्‍टूडियोज़ या कार्यालय में ही वीडियो बनाना ज्‍यादा ठीक होगा । बातों बातों में मैंने अपने पुराने क़रीबी दोसत सुरेन्द्र रामसिंघानी का जिक्र किया जो किसी ज़माने में मुंबई के एम टी एन एल के कर्मचारी थे । मैंने अमीन साहब से बताया कि सुरेंद्र के साथ ही इत्‍तेफाक से मैं सबसे पहले उनसे मिला था । दरअसल अमीन साहब का हफ्ते भर से ख़राब था और वो काफी़ परेशान थे । सुरेंद्र ने अमीन साहब के कहने पर फटाफट एक घंटे में फोन  दुरूस्‍त करवा दिया था । जिसके बाद अमीन साहब ने सुरेंद्र को अपने दफ्तर में मिलने के लिए बुलवा लिया था । मैं भी सुरेंद्र के साथ था और पहली बार तब ही अमीन साहब से मिला था ।



इसी दौरान मैंने अमीन साहब की इजाज़त से सुरेंद्र को भी बुलवा लिया । और मेरे इसी मित्र की मदद से बातचीत का दृश्यांकन आप तक पहुंच रहा है ।  मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस बातचीत को ASF फॉर्मेट से MPEG फॉर्मेट में बदलकर मैंने इसे चार् हिस्‍सों में बांटा है । फिर यू-ट्यूब पर चढ़ाया है । हम पेशेवर फोटोग्राफर या सिनेमेटोग्राफर नहीं हैं । लेकिन इसे संपादित करते हुए मैंने ये ख्‍याल रखा है कि बीच बीच मं हो रही गुजराती बातचीत वैसी ही रहे । ताकि आपको सहज बातचीत का आनंद भी मिल सके । पूरा लोड होने तक आपको इंतज़ार करना होगा । तभी इसे बिना किसी बाधा के देख सकेंगे । उम्‍मीद है कि इस बातचीत को देखकर आपको आनंद आयेगा ।






भाग १


भाग २


भाग ३

भाग 4


इस बात के पूरी होने पर श्री सायानीजी ने प्यार से हम दोनों को विदा किया और अपनी केबिन में अपने कुछ दफ्तरी काम में जुट गये। परन्तु अमीन सायानी जी के सुपुत्र श्री राजिलजी ने बाहर के कमरे में अपना काम निपटाते हुए कुछ और समय हमारे साथ बहुत ही निजी़ मूड में बातें जारी रखी।
जैसा मैं आपको पहले बता चूका हूँ, उनसे भी मेरी पहचान रही है और अमीन साहब की तरह राजिल भी बहुत ही मिलनसार हैं। इस तरह करीब ४ बजे हम दोनों दोस्त अपने जीवन के बेहतरीन समय की यादों की बात करते हुए एक ही बस में बैठ कर बीचमें से अलग हो गये ।

उपर तक मेरी लिख़ाई को युनूसजीने अपने सुन्दर शब्दो से सजाया है । जो वहाँ से उठा कर यहाँ सीधा रख़ा है । इस के लिये उंको धन्यवाद ।

आज रेडियो श्रीलंका-हिन्दी सेवा की उद्दघोषिका श्रीमती ज्योति परमारजीने सुबह करीब 7.30 भारतीय समयानुसार श्री अमीन सायानी साहब को जनम दिन की बधाई देते हुए अन्य श्रोता के भी नाम जो अमीन सायानी साहब को बधाई देना चाहते थे, प्रसारित किये, जिनमें एक श्रोता मैं ख़ूद भी हूँ । पर लधू तरंग प्रसारणॅ की मर्यादा को देख़ कर दिस्टोर्सन की आवाझ के कारण उद्दघोषणा की आवाह्ग थोडी घ्यान से सुननी जरूरी है । तो सुनिये,


पियुष महेता (सुरत)

रविवार, 18 दिसंबर 2011

हार्मोनियम वाद्क कांतीलल सोनछात्राजी को आअ जनम दिन की बधाई ।

आज यानि दि. 18 दिसम्बर के दिन राजकोट निवासी प्रखर हार्मोनियम वादक श्री कानतिलाल सोनछत्राजी अपनी आयु के 82 साल पूरे करके 83वें सालमें प्रवेश कर चूके है । तो इस अवसर पर उनकी हारमोनियम पर बजाई फिल्म पतिता के गीत किसीने अपना बनाके मूझको की धून जो कई साल पहले रेडियो श्रीलंका से वहाकी अस्थायी उद्दघोषिका श्री नलिनी माअलिका परेरा की उद्दग्होषणा के साथ सुन पायेंगे नीचे : (आज रेडियो स्रीलंका से प्रोग्रम प्रस्तूत कर रही थी सुभाषिनी डि'सिल्वा, जिसकी जानकरी श्रोता लोगो को पहेले से नहीं होती है । तो जब उनको यह जानकारी के लिये संदेश भेज गया तो उस आधार पर बधाई सदेश प्रस्तूत नहीं किया गया ।

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नीचे उनकी बजाए एक और धून फिल्म सफर के शिर्षक गीत की सुनिये जो विजाणू की बोर्ड से गाने की मेलोडी को पियानो के टॉन पर जन्हों ने बजाई है । जो भावनगर के मेरे स6गीत और रेडियो प्रेमी मित्र श्री बकूल शुक्ल की और से मूझे पाप्त हुई है ।


पियुष महेता । सुरत-395001.