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3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।

बुधवार, 16 जनवरी 2013

भारत के सर्वप्रथम महान एकोर्डियन वादक स्व. गुडी सिरवाई को श्रद्धांजलि : आज रेडियो सिलोन से इसी उपलक्षमॆं प्रसारित उनकी बजाई धून ज्योति परमारजी के निवेदन के साथ

आज भारत के सर्वप्रथम एकोर्डियन वादक स्व. गुडी सिरवाई की पूण्य तिथी पर मेरी दी हुई जानकारी के आधार पर रेडियो सिलोन से मेरी चाही हुई धून तदबीर बीर से बिग़डी हुई तक़दीर बना दे उनके एकोर्डियन पर प्रस्तूत की जो यहाँ हमारे पूना के जवान मित्र श्री गिरीष मानकेश्वरजी के द्वारा प्राप्त होने पर (मेरे यहाँ नेट बंध था-इसलिये और रेडियो गुणवत्ता वीक रही थी इस लिये) यहाँ प्रस्तूत है । इसमें उज्जैन के मेरे भी बुज़ूर्ग मित्र श्री जगदीश श्रीवास्तवजी का आग्रह, तथा मृत्यू तारीख़ की जानकारी और तसवीर देने पर ज़्योति परमारजी के आज सहकार-पूर्ण रहे रवैये के कारण हो सका है । तो गुडी सिरवाईजी के बारेमें जगदीशजी के शब्दोमें ही यहाँ पढीये ।
"पियूष जी नमस्कार 
मै आपको गूडी सरवाई का फोटो भेज रहा हूँ .Goody Servai का जन्म  सन 1913 में हुआ था और देहांत १६ जनवरी
१९७८मे हुआ .उनकी फिल्म इन्दुस्ट्री में शुरुआत १९५१ में सी. रामचंद्र द्वारा संगीत   निर्देशित फिल्म समाधी 
से हुई .यह फिल्म्स सोंग में accordion क़ी शुरआत थी .इसके बाद नौशाद ने फिल्म जादू में  accordion का प्रयोग songs    
और background म्यूजिक दोनों में किया .इसतरह  फिल्म्स संगीत में शंकर जयकिशन, सचिनदेव बर्मन,मदनमोहन ओ पी नैयेर ईत्तियादी अनेक म्यूजिक directors ने goody servai के accordion का जमकर उपयोग  किया. .उनके बजाए गए कुछ  famous गीत ये हैं :-  लो पियर क़ी होगई जीत (जादू) आजा सनम मधुर चांदनी में हम (चोरी चोरी ) सबकुछ सिखा हमने , वो चाँद खिला तारे हँसे, (अनाड़ी )गुड द्वारा बजाया  आवारा हूँ गीत अबतक सारी दुनिया जानती है .इस फिल्म में गूडी को इक बेबफा से प्यार किया गीत में दिखाया भी गया है .राजकपूर को भी  accordion अत्यंत प्रिए था.
मेरी यह तीव्र इक्छा है क़ी लोग उन्हें और उनकी कला को जाने .हो  ये जानकारी आपके लिए नयी नही है .आपके अपार संगीत प्रेम का मै बहुत आदर करता हूँ .you  tube में आपके द्वारा गूडी के गीत देखकर और सुनकर मुझे अपार आनंद होगा और मै अक्का बहुत आभारी रहूँगा शुभ कामनाओं सहित आपका -जगदीश श्रीवास्तव उज्जैन मध्य प्रदेश " 

अब यहाँ धून उनकी तसवीर के साथ सुनिये :
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अब यहाँ धून सुनिये :


पियुष महेता ।
सुरत ।