दि.26, नवम्बर, 2011 भारतीय फिल्म संगीत जगत के जानेमाने एकोर्डियन वादकोमें से एक श्री सुमित मित्रा के जनम दिन पर आप उनसे हाल ही की गई मेरी मुलाकात और वात चीत का दृष्यांकन यहाँ प्रस्तूर है जो 22 तारीख़ को सुबह उनके धर हुई थी । (हालाकी मूझे इस विडीयो की प्रोसेसींग समाप्ती का संदेश तो नहीं मिला है पर यू-ट्यूब द्वारा समाप्ती के बाद यह विडीयो यहाँ दिख़ेगा ।)
आज यानि दि. 26 नवम्बर के दिन मुम्बई स्थित भारतीय फिल्म संगीत में अपने एकोर्डियन वादन द्वारा योगदान प्रदान करने वाले श्री सुमित मित्राजीने अपना जन्मदिन मना रहे है । मैं ख़ुश-किस्मत हूँ कि 21 (शायद?), फरवरी, 2010 के दिन बिल्लीमोरा के मेरे मित्र और वहाँ की गुन्जन ललित कला संस्थाके कर्ताहर्ता श्री नरेश मिस्त्रीजी (खूद भी एकोर्डियन वादक) द्वारा आयोजित एक फिल्म वाद्य संगीत के शो में उनके द्वारा आमंत्रित हो कर मैं मेरे मित्र सुरत के जी. रझाक बेन्ड के श्री फारूक भाई और अन्य मित्र श्री शिरीष भाई के साथ गया था और उस कार्यक्रम में सुमितजी और सेक्सोफोन, क्लेरीनेट और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक श्री सुरेश यादव को बहूत आनंद से सुना और देख़ा था ।
उनकी फिल्मी धुनों की आज तक सिर्फ एक रेकोर्ड उस समय की पोलिडोर नाम धारी रेकोर्ड कम्पनी ने निकाला था जिसमें फिल्म बॉबी के चार गीत उन्होंने एकोर्डियन पर नहीं पर इलेक्ट्रिक ऑर्गन पर बजाई थी, जिसमें उनकी मेरे साथ हुई बात के अनुसार एकोर्डियन पर धीरज कुमार ने साथ दिया था । जब की मूल गानेमें सुमितजीने ही एकोर्डियन बजाया है और बाद में उस इ पी रेकोर्ड को स्व. अरूण पौडवाल की बजाई एकोर्डियन पर फिल्म मेरा नाम जोकर के तीन गानो के ई पी रेकोर्ड की धून के साथ मिली जुली एल पी रेकोर्ड प्रस्तुत हुई थी । तो इस एल पी की उनकी फिल्म बोबी के एक गीत की धून का सम्पादित अंश यहाँ प्रस्तूत है ।
उस समय मुझे उनके साथ तसवीर खिंचवाने का मौका मिला था जो फारूक भाई और सुमितजी के सौजन्य से नीचे प्रस्तुत की है ।
नीचे देख़ीये और सुनिये उसी कार्यक्रम में उनके द्वारा बजाई गई फिल्म झुक गया आसमान के शीर्षक गीत की एकोर्डियन पर धुन जिसमें सिन्थेसाईझर पर बडोदरा के श्री दिलीप रावल है और पर्क्यूसन (इस शब्दमें कोई गलती हो तो सुधार बताईए) पर मुम्बईमें फिल्म उद्योग में सालों काम करने वाले श्री नरेन्द्र वकील है ।
नीचे पिछले साल आज ही के दिन रेडियो श्रीलंका पर मेरे द्वारा भेजी गई सूचना के आधार पर सुबह 7.34 पर वहाँ की उद्दघोषिका श्रीमती ज्योति परमारजी ने प्रस्तुत किया हुआ बधाई संदेश सुनिये ।
हालाकि रेडियो श्री लंका की उद्दघोषिका ज्योति परमार ही आज थी पर कई तीन दिन पूर्व सुचना भेज़ने पर भी उनकी धून वहाँ होते हुए भी आज उन्हों ने बजानी नहीं चाही, जब की रिमाइन्डर संदेश भेजने पर प्रसारणॅ समाप्ती पर मेरा और साथी श्रोता ठाणे के श्री सुभाष कुलकर्णी द्वारा भेजी गई जानकारी पर सुमितजी को बधाई तो जरूर दी गई पर हम दोनों के नाम बिना ही ।
रेडियो विश्व, फेस बूक पर रेडियोनामा, श्रोता बिरादरी, और प्रेस्टीज (सुरत) ग्रुप के इस मंच से भी श्री सुमितजी को जनम दिन की ढेर सारी शुभ: कामनाएँ ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
इस ब्लोगमें रेडियो श्रोताके रूपमें आने वाले दिनों मूझे होए वाले अनुभव , कुछ समिक्षा किसी बडी रेडियो या सिने-संगीतसे जूडी हस्ती से मुलाकात (मिल पाती है तो) प्रकाशित होगी । ज्यादा बातें रेडियो सिलोन और विविध भारती सेवा की होगी । पर कभी कभी हो सकता है कि बात रेडियो से नहीं पर जिसके कारण रेडियो है, वह संगीत के बारेमें जरूर होगी ।
मेरे बारे में
- PIYUSH MEHTA-SURAT
- 3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।
शनिवार, 26 नवंबर 2011
शुक्रवार, 18 नवंबर 2011
पार्श्व-गायिका और रेडियो विज्ञापन प्रसारक श्रीमती कमल बारोट को जनमदिन की बधाई
(तसवीर प्राप्ती : श्री हरीष रघुवंशी )
दारेसलाम में 18 नवेम्बर, 1932 को पैदा हुई श्रीमती कमल बारोट भारत आ कर एक तरफ नये गायक गायिका की प्रतियोगीतामें हिस्सा ले कर सबसे पहेले कल्याणजी आनंदजी के संगीतमें फिल्म ओ तेरा क्या कहना के श्री सुबीर सेन के साथ गाये युगल गीत दिल दे के जाते हो कहाँ से फिल्म पार्श्व गायन के क्षेत्रमें प्रवेश कर सकी तो दूसरी और रेडियो श्रीलंका के भारत स्थित व्यापारी प्रतिनीधी रेडियो एडवर्टाईझींग सर्विसिस के स्व. बाल गोविन्द श्रीवास्तवजी द्वारा उनकी सहयोगी के रूपमें भी कदम रख़ा और बाल गोविंद श्रीवास्तव के अलावा स्व. शील कूमार के साथ भी कई फिल्मो के विज्ञापन और प्रायोजीत कार्यक्रम किये, जिसमें गीत गाया पत्त्थरोंनें, कश्मीर की कली, और सुहाग दिवान के साथ गुजराती फिल्म रमत रमाडे राम भी शामिल थी, ( कमल जी उसमें हिन्दीमें ही बोली थी, हाँ एन इवनिंग इन पेरीसमें शील कूमारजी और कमलजीने एक प्रायोजित रेडियो प्रोग्राममें फिल्म दर्शकोकी राये प्रसारित की थी, जो दर्शको की मातृभाषामें थी, इसमें एक गुजराती भाषी श्रोता के साथ वे सिर्फ़ प्रथम और अन्तीम बार रेडियो प्रसारणमें गुजराती बोली थी । हालाकि उनकी मातृभाषा गुजराती ही है और करीब चार साल पहेले मेरी उनसे मुलाकात (बाल गोविंद श्री वास्तवजी के साथ एक ही समय) हुई थी, तब काफ़ी बातें हुई थी । बादमें 1967 के बाद वे विविध भारती के मुम्बई पूना और नागपूर केन्दों के श्रोताओ तक ही विज्ञापन कार के रूपमें श्री बाल गोविंद श्रीवास्तवजी के साथ जूडी रही । और शक्तिराज फिल्म, श्री शक्ती मिल्स वगैरह प्रायोजित कार्यक्रम किये । उस दौरान पार्श्वगान तथा गैर फिल्मी सुगम संगीत हिन्दी और गुजरातीमें भी चलता रहा तथा पाकिस्तान से आये गझल गायक मेहदी हसन सहीत कई स्तेज़ शॉझ का आयोजन किया । पारसमणी का लताजी के साथ गाया गीत हस्ता हुआ नूरानी चेहरा ने लोकप्रियता की बूलंदी हासिल की । हाल वे लंडन और मुम्बई बारीबारी आती जाती रहती है । श्रीमती कमल बारोटजीको जनम दिन की शुभ: कामना और स्वस्थ लम्बे आयू की शुभेच्छा ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
લેબલ્સ:
कमल बारोट,
पियुष महेता,
KAMAL BAROT,
PIYUSH MEHTA
सोमवार, 14 नवंबर 2011
बोलिवूड संगीतके जानेमाने टेनर और सुप्रानो सेक्षोफोन तथा वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक श्री श्यामराजजी को जनम दिन की शुभ: कामना ।
14 नवम्बर, 1948 के दिन काठमान्डू नेपालमें जन्में जाने पहचाने सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट वादक श्यामराजजी के श्री एनोक डेनियल्स साहब के साथ बिल्लीमोरा के श्री नरेश मिस्त्री द्वारा 21 फरवरी, 2009 के दिन अयोजीत एक कार्यक्रममें मिलनेका और दोनों को साथ सुननेका मोका मिला था, जिसका जिक्र मैं पिछली कुछ पोस्टोंमें कर चूका हूँ । जिसमें एक 16 अप्रैल, 2009 के दिन श्री डेनियेल्स साहबके जनम दिन के दिन थी और बादमें एक पोस्ट श्री श्यामराजजी से किये गये
विडीयो साक्षात्कार , जो सुरतमें किया था, तो आज उनको जनम दिन की बधाई देते हुए रेडियोनामा की मेरी पुरानी पोस्टो में से दो को यहाँ एक साथ संयोजा है जिसमें मेरे साथ की गई वातचीत का दृष्यांकन भी शामिल है ।
http://radionamaa.blogspot.com/2009/03/blog-post_14.html?utm_source=feedburner&utm_medium=feed&utm_campaign=Feed%3A+http%2Fradionamaablogspotcom+%28radionamaa%29
पर थी । और वह इस मंच पर दिख़ाया भी गया था और इन दोनों साझों पर उनके द्वारा छोटी छोटी झलके प्रस्तूत की गयी थी ।
तो आज उनको जनम दिन की ढेर सारी बधाईयाँ रेडियोनामा की और से देते हुए,
1. टेनर सेक्षोफोन पर फिल्म शोले के गीत महेबूबा की धून
तथा 2. वेस्टर्न फ्ल्यूट पर फिल्म शॉर के गीत एक प्यार का नग्मा है ।
इधर नरेशभाई मिस्त्री और गुन्जन ललित कला के सौजन्य से प्रस्तूत की है ।
श्यामराज जी ने इस धूनो को अपना स्पर्श बखूबी दिया है । उद्दधोषक थे विज्ञापन प्रसारण सेवा, विविध भारती, पूणे के स्थायी उद्दघोषक श्री मंगेश वाघमारे है {
निख़ील महामूनी (सिंथेसाईझर), विजय मूर्ती (बास गिटार ),कमल निम्बारकर (स्पेनिश गिटार), विजय अत्रे (अक्टोपेड), केदार मोरे (ढोलक और बोन्गा), डो. राजेन्द्र दूरकर (तबला), नरेन्द्र वकील (साईड रिधम) उनके सथी दार है ।
सेक्षोफोन वादक श्री श्याम राजजी से पहेली मुलाकात बिल्लीमोरा के एक स्टेज शॉ में श्री एनोक डेनियेल्स साहबने करवाई थी । और उन दोनों का संयूक्त शॉ वहाँ की कल संस्था गुंजन ललित कला निकेतन और उनके प्रमूख कर्ताहर्ता श्री नरेशभाई मिस्त्रीने प्रबंधीत किया था, जिनसे मित्रता भी श्री डेनियेल्स साहब की देन है, उसी दिन श्री एनोक डेनियेल्स साहब का और श्याम राजजी का, दोनों के विडीयो इंटर्व्यूझ करने का इरादा था और उनकी भी सहमती थी, पर हमारा शॉ के कुछ ही घंते पहेले पहोंचना, फिर रात्री भोजन करने बाहर निकलना और फिर शॉ के बाद रात्री ही सुरत की और चल पड़ना, यानि की लौट पड़्ना, इस के कारण वहाँ हो नहीं सका । पर उस शॉ की थोडी सी बात कर लूं, कि श्री डेनियेल्स साहब आज भी एकोर्डियन बजानेमें 76 साल के नौजवान है । और श्यामराज जी भी 61वे सालमें होते हुए भी अपनी मज़बूत सांस से सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट बजाते है । और वहाँ की पब्लीक का तो क्या कहना ? मैंनें कार्यक्रम शुरू होने से पहेले पिछे देख़ा था तो होल खाली लगता था । (मैं दूसरी लाईन में था ।)बादमें कार्यक्रम दौरान यकायक पिछे देख़ा तो पूरा होल भरा था, यानि शिस्तबद्ध पब्लीक था। आइटम समाप्ती पर ताल मिला कर तालियाँ और विषिष्ट आइटम्स पर वन्स मोर । दोनों कलाकारोंने सोलो और युगलबंधीमें परफोर्म किया । श्री एनोक देनियेल्स साहबने मांग के साथ तूम्हारा (फिल्म नया दौर ), बाबूजी धीरे चलना (आर पार) और हर दिल जो प्यार करेगा (संगम : जिसमें असल गानेमें इस साझ को उठाव देनेके लिये दो एकोर्डियन श्री डेनियेल्स साहबने और सुमित मित्राजीने बजाये थे ।)जैसी कई शूनें ऐसी बजाई जो उनकी रेकोर्डझ, केसेट्स या सीडी कोई रूपमें प्रकाशित नहीं हुई थी । विज्ञापन प्रसारण सेवा पूना के स्थायी उद्दधोषक श्री मंगेश वाघमारेजी का कम्प्रेरींग भी बहोत बढ़िया रहा । श्री श्यामराजजीने भी राहूल देव बर्मन साहब के कई गानो को अपने साझ पर बख़ूबी अन्जाम दिया । पूरानी वेस्टर्न धून टक़ीला को इन दोनो कलाकारो ने बहोत सुन्दर तरीके से पेष किया । और इसके साथ श्री डेनियेल्स साहब का सुरतमें 39 साल पहेले देख़ा शॉ याद आ गया जिसमें भी यह धून उन्होंने बह्जाई थी । साउंड पहली लाईन में भी सह्य रहा यह इस शॉ की बड़ी बात रही । यह शो दि. 21वी फरवारी, 2009 का था ।
उसके बाद श्री नरेशभाईने फोन पर दि. 8 मार्च, 2009 के दिन बताया की श्यामराज जी सुरत 9 तारीख़ के के शॉमें आ रहे है, यो श्यामराजजी से सम्पर्क होने पर उन्होंने बताया । बह शॉ सुरत के पप्पू म्यूझीक गृप द्वारा स्व आर. डी बर्मन साहब के मानमें था । और मुम्बई सिने म्यूझिशियंस एसोसियेशन के साथ जूडे हुए कई दिग्गज बादक कलालार आने थे । तो मैँ शाम 6.15 पर उनकी सेटिंग के वक्त पहोंचा तो श्यामराजजीने मेरे कहने पर तूर्त ही सहमती जटाई छोटा इन्टर्व्यू देने के लिये और दोनों साझो पर छोटे टूकडे बजाने के लिये, जो खास रेडियोनामा के लिये है ।
तो अब देखीये मेरे साथ श्री श्यामराजजी की बातचीत (जो उनके साथ आये वायोलिन वादक श्री आसिफ़ अनसारी के केमेरा मेन की तरह सहयोग देने के कारण शक्य हुई है, इस लिये आसिफ़जी को भी धन्यवाद ) :
इसके बाद रात्री 9.30 पर शॉ हुआ तो गायक, साझिन्दें सभीने जम कर परफोर्म किया । हाँ साउंड थोडा कम होता तो और भी मझा आता ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
विडीयो साक्षात्कार , जो सुरतमें किया था, तो आज उनको जनम दिन की बधाई देते हुए रेडियोनामा की मेरी पुरानी पोस्टो में से दो को यहाँ एक साथ संयोजा है जिसमें मेरे साथ की गई वातचीत का दृष्यांकन भी शामिल है ।
http://radionamaa.blogspot.com/2009/03/blog-post_14.html?utm_source=feedburner&utm_medium=feed&utm_campaign=Feed%3A+http%2Fradionamaablogspotcom+%28radionamaa%29
पर थी । और वह इस मंच पर दिख़ाया भी गया था और इन दोनों साझों पर उनके द्वारा छोटी छोटी झलके प्रस्तूत की गयी थी ।
तो आज उनको जनम दिन की ढेर सारी बधाईयाँ रेडियोनामा की और से देते हुए,
1. टेनर सेक्षोफोन पर फिल्म शोले के गीत महेबूबा की धून
तथा 2. वेस्टर्न फ्ल्यूट पर फिल्म शॉर के गीत एक प्यार का नग्मा है ।
इधर नरेशभाई मिस्त्री और गुन्जन ललित कला के सौजन्य से प्रस्तूत की है ।
श्यामराज जी ने इस धूनो को अपना स्पर्श बखूबी दिया है । उद्दधोषक थे विज्ञापन प्रसारण सेवा, विविध भारती, पूणे के स्थायी उद्दघोषक श्री मंगेश वाघमारे है {
निख़ील महामूनी (सिंथेसाईझर), विजय मूर्ती (बास गिटार ),कमल निम्बारकर (स्पेनिश गिटार), विजय अत्रे (अक्टोपेड), केदार मोरे (ढोलक और बोन्गा), डो. राजेन्द्र दूरकर (तबला), नरेन्द्र वकील (साईड रिधम) उनके सथी दार है ।
सेक्षोफोन वादक श्री श्याम राजजी से पहेली मुलाकात बिल्लीमोरा के एक स्टेज शॉ में श्री एनोक डेनियेल्स साहबने करवाई थी । और उन दोनों का संयूक्त शॉ वहाँ की कल संस्था गुंजन ललित कला निकेतन और उनके प्रमूख कर्ताहर्ता श्री नरेशभाई मिस्त्रीने प्रबंधीत किया था, जिनसे मित्रता भी श्री डेनियेल्स साहब की देन है, उसी दिन श्री एनोक डेनियेल्स साहब का और श्याम राजजी का, दोनों के विडीयो इंटर्व्यूझ करने का इरादा था और उनकी भी सहमती थी, पर हमारा शॉ के कुछ ही घंते पहेले पहोंचना, फिर रात्री भोजन करने बाहर निकलना और फिर शॉ के बाद रात्री ही सुरत की और चल पड़ना, यानि की लौट पड़्ना, इस के कारण वहाँ हो नहीं सका । पर उस शॉ की थोडी सी बात कर लूं, कि श्री डेनियेल्स साहब आज भी एकोर्डियन बजानेमें 76 साल के नौजवान है । और श्यामराज जी भी 61वे सालमें होते हुए भी अपनी मज़बूत सांस से सेक्षोफोन और वेस्टर्न फ्ल्यूट बजाते है । और वहाँ की पब्लीक का तो क्या कहना ? मैंनें कार्यक्रम शुरू होने से पहेले पिछे देख़ा था तो होल खाली लगता था । (मैं दूसरी लाईन में था ।)बादमें कार्यक्रम दौरान यकायक पिछे देख़ा तो पूरा होल भरा था, यानि शिस्तबद्ध पब्लीक था। आइटम समाप्ती पर ताल मिला कर तालियाँ और विषिष्ट आइटम्स पर वन्स मोर । दोनों कलाकारोंने सोलो और युगलबंधीमें परफोर्म किया । श्री एनोक देनियेल्स साहबने मांग के साथ तूम्हारा (फिल्म नया दौर ), बाबूजी धीरे चलना (आर पार) और हर दिल जो प्यार करेगा (संगम : जिसमें असल गानेमें इस साझ को उठाव देनेके लिये दो एकोर्डियन श्री डेनियेल्स साहबने और सुमित मित्राजीने बजाये थे ।)जैसी कई शूनें ऐसी बजाई जो उनकी रेकोर्डझ, केसेट्स या सीडी कोई रूपमें प्रकाशित नहीं हुई थी । विज्ञापन प्रसारण सेवा पूना के स्थायी उद्दधोषक श्री मंगेश वाघमारेजी का कम्प्रेरींग भी बहोत बढ़िया रहा । श्री श्यामराजजीने भी राहूल देव बर्मन साहब के कई गानो को अपने साझ पर बख़ूबी अन्जाम दिया । पूरानी वेस्टर्न धून टक़ीला को इन दोनो कलाकारो ने बहोत सुन्दर तरीके से पेष किया । और इसके साथ श्री डेनियेल्स साहब का सुरतमें 39 साल पहेले देख़ा शॉ याद आ गया जिसमें भी यह धून उन्होंने बह्जाई थी । साउंड पहली लाईन में भी सह्य रहा यह इस शॉ की बड़ी बात रही । यह शो दि. 21वी फरवारी, 2009 का था ।
उसके बाद श्री नरेशभाईने फोन पर दि. 8 मार्च, 2009 के दिन बताया की श्यामराज जी सुरत 9 तारीख़ के के शॉमें आ रहे है, यो श्यामराजजी से सम्पर्क होने पर उन्होंने बताया । बह शॉ सुरत के पप्पू म्यूझीक गृप द्वारा स्व आर. डी बर्मन साहब के मानमें था । और मुम्बई सिने म्यूझिशियंस एसोसियेशन के साथ जूडे हुए कई दिग्गज बादक कलालार आने थे । तो मैँ शाम 6.15 पर उनकी सेटिंग के वक्त पहोंचा तो श्यामराजजीने मेरे कहने पर तूर्त ही सहमती जटाई छोटा इन्टर्व्यू देने के लिये और दोनों साझो पर छोटे टूकडे बजाने के लिये, जो खास रेडियोनामा के लिये है ।
तो अब देखीये मेरे साथ श्री श्यामराजजी की बातचीत (जो उनके साथ आये वायोलिन वादक श्री आसिफ़ अनसारी के केमेरा मेन की तरह सहयोग देने के कारण शक्य हुई है, इस लिये आसिफ़जी को भी धन्यवाद ) :
इसके बाद रात्री 9.30 पर शॉ हुआ तो गायक, साझिन्दें सभीने जम कर परफोर्म किया । हाँ साउंड थोडा कम होता तो और भी मझा आता ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
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पियुष महेता,
वेस्टर्न फ्ल्यूट,
श्याम राज,
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