आदरणीय पाठक और दर्षक गण,
आज हिन्दी, गुजराती, बांगला और अंग्रेजी फिल्मो तथा नाटक और छोटे परदे के अभिनेता और निर्देषक आदरणीय श्री क्रिस्नकान्तजी नवासी साल पूरे करके अपना नव्बेवाँ जनमदिन मना रहे है तो इस अवसर पर उनको बधाई देते हुए और उनकी लम्बी पर स्वस्थ आयु की शुभ:कामना करते हुए उनसे इस अवसर पर उनकी फिल्मी यात्रा के बारेमें मेरे द्वारा की हुई बातचीत को नीचे देख़ेंगे ।
तो पहेला भाग देख़ीये ।
और अब दूसरा और अंतीम भाग देख़ीये ।
और अब उपर वाली बात चीत का श्राव्य वर्झन सुनिये ।
और अब रेडियो श्रीलंका-हिन्दी सेवा द्वारा श्री क्रिष्नकांतजी के जनम दिन पर श्री पद्दमिनी परेराजी द्वारा प्रस्तूत पूरानी फिल्मो के गीतो के कार्यक्रम के एक हिस्से को सुनिये जो मेरे द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर है ।
और अब सुनिये विविध भारती की विज्ञापन प्रसारण सेवा के सुरत केन्द्र के फोन इन कार्यक्रम हल्लो सुरत एफ एम स्पीकींग (प्रस्तूती – रूपेश दवे) का मेरी क्रिष्नकान्तजी के बारेमें गुजरातीमें बात और फरमाईश सुनिये (प्रसारीत 13-09-2011).
और अब बडोदरा निवासी लेख़क पत्रकार श्री बिरेन कोठारी के ब्लोग पर उनका गुजराती लेख़ कुछ क्रिष्नकान्तजी के फिल्मी सीन्स को देख़ें ।
http://birenkothari.blogspot.com/2011/09/blog-post_14.html
और इस बातचीत में समय मर्यादा के कारण जो फिल्मो और नाटको तथा टीवी धारावाहीको के बारेमें बाते छूट गई है, यानि अवकाश नहीं मिला उन के साथ पूरी फिल्मोग्राफ़ी नीचे आप देख़ और पढ पायेंगे, जिसको तैयार करनेमें सुरत के हम सब के मित्र तथा भारतीय फिल्मों के अंकसास्त्री तथा इतिहासकार और कई पुस्तको के संयोजक और संकलनकार वैसे श्री हरीष रघुवंशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । क्यों की कई कलाकार, जिनको अपनी पिछली पूरानी फिल्मो की सम्पूर्ण बातें अगर याद नहीं आती है तो वे श्री हरीषभाई का सम्पर्क करते है । (यहाँ एक बात का जिक्र करना जरूरी है कि इसी नाम के अन्यकलाकार भी थे जिनका असलीनाम कुछ और था, पर हमारे आज के क्रिष्नकान्तजी से वे क्छ सिनियर थे, पर एक फिल्ममें वे दोनों साथ साथ हो गये थे तब उन्होंने अपनी पहचान अपने असली नाम स ही बनानी शुरू कर दी थी ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
इस ब्लोगमें रेडियो श्रोताके रूपमें आने वाले दिनों मूझे होए वाले अनुभव , कुछ समिक्षा किसी बडी रेडियो या सिने-संगीतसे जूडी हस्ती से मुलाकात (मिल पाती है तो) प्रकाशित होगी । ज्यादा बातें रेडियो सिलोन और विविध भारती सेवा की होगी । पर कभी कभी हो सकता है कि बात रेडियो से नहीं पर जिसके कारण रेडियो है, वह संगीत के बारेमें जरूर होगी ।
मेरे बारे में
- PIYUSH MEHTA-SURAT
- 3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।
गुरुवार, 15 सितंबर 2011
बोलिवूड अभिनेता-निर्देषक श्री क्रिष्नकान्तजी -आप जीयो हज़ारो साल-जनम दिन म्बारक
લેબલ્સ:
क्रिष्नकान्त,
पियुष महेता,
KRISHNAKAANT,
PIYUSH MEHTA
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Very fantastic & You had done good job
जवाब देंहटाएंपीयूष भाई,
जवाब देंहटाएंबिरेनजी के लिंक के अंत में ml (html) जोड़ लें| अन्यथा यह लिंक नहीं खुलेगा।
के के साहब से पीयूष भाई के सौजन्य से दो बार फोन पर बात करने का सौभाग्य मिला है। 90 वर्ष की उम्र में के के साहब का उत्साह उनकी बातों में साफ झलकता है, इतने बड़े कलाकार लेकिन इतनी विनम्रता बहुत कम लोगों में पाई जाती है।
जवाब देंहटाएंमैं परमपिता से कामना करता हूँ कि के के साहब शतायु हों।
आपको जन्म दिन की शुभकामनाएं और बधाई के के साहब
krishnakantji se aapki baatchit achhi lagi mai unka bada fan raha hoon kyunki mera yeh hamesha se manana raha hai ki jo charector artist hote hai unme abhinay kshamata kuchh zyada hoti hai.Bhagwan se binati hai woh 100 saal pure karen aur swasth rahen Apkabhi bahut dhanyawad!
जवाब देंहटाएंपीयूष जी,
जवाब देंहटाएंआरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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मायावी मामा?
रूमानी जज्बों का सागर है प्रतिभा की दुनिया।
पीयूष जी, शायद आपने ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें अभी तक नहीं देखीं। यहाँ आपके काम की बहुत सारी चीजें हैं।
जवाब देंहटाएंBahumuly post!!
जवाब देंहटाएंBahut-Bahut Shukriya!!
FM & AIR Listener From Bhopal