इस ब्लोगमें रेडियो श्रोताके रूपमें आने वाले दिनों मूझे होए वाले अनुभव , कुछ समिक्षा किसी बडी रेडियो या सिने-संगीतसे जूडी हस्ती से मुलाकात (मिल पाती है तो) प्रकाशित होगी । ज्यादा बातें रेडियो सिलोन और विविध भारती सेवा की होगी । पर कभी कभी हो सकता है कि बात रेडियो से नहीं पर जिसके कारण रेडियो है, वह संगीत के बारेमें जरूर होगी ।
मेरे बारे में
- PIYUSH MEHTA-SURAT
- 3 अक्तूबर, 1957 से विविध भारती के स्थापना दिनसे ही रेडियो सुनने की शुरूआत । ८ साल की उम्रसे ।
रविवार, 16 सितंबर 2012
विश्व रेडियो श्रोता दिन (20 अगस्त्, 2012) पर मेरे मेहमान रेडियो सिलोनके कुछ् श्रोताओ से साक्षात्कार
20 अगस्त्, 2012 के दिन यानि विश्व रेडियो श्रोता दिन पर मेरे घर आये अम्रावती के श्री अरविन्द हम्बर्डे, कोल्हापूर के मूकून्द मारूरकर, तथा सुरत के श्री ठाकोरभाई पटेल, गजानंद सावंत और रेडियो सिलोन की यात्रा करके वहाँ से सजीव प्रसारणमें हिस्सा ले चूके वैसे श्री सुरत के ही मधूकर वकील के साथ हुए एक साक्षात्कार का दृष्यांकन यहाँ प्रस्तूत है, और उसमें शुरू के हिस्सेमें एक विडियो है जिसमें ज्योति परमारजी अपने प्रसारण कक्षमें बैठी हुई उद्दघोष्णा करती आप देख़ पायेंगे ।
पियुष महेता ।
नानपूरा, सुरत ।
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